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भुखमरी की बिसात पर मुफ्त एलपीजी !

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प्रताप जय हिन्द
मुफ्त एल पी जी कनेक्सन गरीबो के लिए पर्याप्त नहीं !
देश के प्रधानमन्त्री ने झारखण्ड की उपराजधानी दुमका से
2 अक्टूबर को मुद्रा योजना की शुरुआत की ।इस योजना
से छोटे उधमियों और बड़े उधमियों को लाभ मिलने के साथ
साथ स्वरोजगार के अवसर भी पैदा होंगे ।मुद्रा योजना से
महिलाओ की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी तथा यह महिला
शासक्तिकरण की दिशा में सराहनीय कदम है। अब निचले
तबके के लोग भी बेंक से जुडकर छोटे ऋण के साथ अपना
व्यवसाय शुरू कर पाएंगे ।मुद्रा योजना के साथ
प्रधानमन्त्री ने बी पी एल परिवारों के लिए मुफ्त एल पी
जी कनेक्सन की सुरुआत की ।प्रधानमन्त्री के गिव इट अप
की अपील पर 31 लाख लोगो ने एल पी जी सब्सिडी छोड़
दी जिससे 18 लाख परिवार को मुफ्त एल पी जी कनेक्सन
दिये जाने का लक्ष्य है। लेकिन यह योजना गरीबो के लिए
कितना हितकर साबित होगी इसपर गोर करने की जरूरत है
। आंकडे बोलते हैं सबसे अधिक भुखमरी के शिकार लोग
भारत के ही हैं ।सयुंक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन
ए एफ ओ द स्टेट आफ फ़ूड इन्स्क्युरिटी द वर्ल्ड के
रपट के अनुसार 19.4करोड़ लोग भारत में भुखमरी के
शिकार हैं ।वैश्विक स्तर पर यह संख्या 2014-15में
घटकर 79.5 करोड़ रह गयी है जो कि 1990-92 में एक
अरब थी ।भारत में 1990 की तुलना में 2015 तक भूखे
रहने वाले लोगो की संख्या में बहुत धीमी गति से कम हुयी
है जबकि चीन में भूखे लोगो की संख्या भारत की तुलना में
बहुत तेज गति से कमी आई है ।भारत में 1990-92में यह
संख्या 21.01 करोड़ थी जबकि 2014-15में
19.46करोड़ हो गयी है लेकिन चीन में 1990-92 में
28.90 करोड़ थी जो 2014-15 में 13.38करोड़ ही शेष
रह गयी है ।भारत में आज भी विश्व के अन्य देशो की
तुलना में सबसे अधिक भूखे लोग रहते हैं ।ऐसे में उन भूखे
लोगो के लिए मुफ्त एल पी जी का क्या ओचित्य ।
वैश्विक स्तर पर भारत में भूखे लोगो की संख्या अधिक
रहने की वजह से देश की अलग छवि बन रही है ।माननीय
प्रधानमत्री को मुफ्त एल पी जी के साथ साथ करोड़ो भूखे
लोगो के लिए भी पहल करने की आवश्यकता है नही तो
सिर्फ एल पी जी देना उनके भूखे लोगो के मुह पर तमाचा
मरने के बराबर है । इन भूखे लोगो के लिए आज एक ऐसी
व्यवस्था की जरूरत है एक ऐसी योजना की जरूरत है
जिससे इनलोगों की भूख मिट जाये ।

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