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चिकित्सको और शिक्षको का विरोध असवेधानिक

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चिकित्सको और शिक्षको का विरोध अस्वेंधानिक !

झारखण्ड में प्राथमिक शिक्षकों तथा चिकित्सको द्वारा पंचायत के मुखिया से अवकाश लेने का बड़े स्तर पर विरोध जताया गया ।प्रदेश मे पंचायती राज को सरकार द्वारा नया अधिकार प्रदान किया गया है जिसके तहत पंचायत में कार्यरत सभी सरकारी प्राथमिक शिक्षको तथा चिकित्सको को अवकाश के लिए मुखिया से अनुमति लेना अनिवार्य होगा ।चिकित्सको द्वारा स्वास्थकेन्द्रों में उपस्थिति से सम्बंधित मासिक प्रतिवेदन मुखिया द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी /सिविल सर्जन को भेजे जाने का निर्णय लिया गया था जिसके आधार पर चिकित्सको का वेतन भुगतान होता ।प्रखंड स्तर के चिकित्सक आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति प्रमुख तथा जिला स्तर पर पदस्थापित े चिकित्सक आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति के लिए जिला परिषद के अध्यक्ष से लेने की बात सरकार द्वारा कही गयी थी ।शिक्षको तथा चिकित्सको द्वारा सरकार के द्वारा पंचायत को दिए इस अधिकार का विरोध करना लोकतंत्र के खिलाफ है ।उनलोगों को ये बात समझनी चाहिए कि पंचायत के मुखिया भी जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं ।और यदि उन्हें जनता द्वारा पंचायत की जिम्मेवारी सोपी गयी है तो जनता के हित के लिए चालित सभी कार्यो तथा पदाधिकारियों के कामो में हस्तक्षेप करने का अधिकार है ।प्रदेश में पंचायत के मुखिया के पास शिक्षको तथा चिकित्सको को अवकाश संबधी अधिकार पहले से मुखिया को प्राप्त नही थे कुछ दिन पूर्व ही उन्हें यह अधिकार दिया गया जिसका व्यापक विरोध जारी है । हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है और यहाँ प्रधानमन्त्री मुख्यमंत्री से लेकर वार्ड सदस्य तक सभी जनता द्वारा चुने गये प्रतिनिधि हैं ऐसे में मुखिया से अवकाश लेने का विरोध करना असवेधानिक है ।यदि शिक्षक और चिकित्सक समय से सारे काम करते हैं और अपनी जिम्मेवारी को बखूबी निभाते हैं तो उन्हें मुखिया से छुट्टी लेने या ग्राम पंचायत के अधीन कार्य करने में क्या हर्ज है ।वास्तव में झारखण्ड में प्राथमिक विधालयो और स्वास्थ्य केन्द्रों की खस्ता हालत है ।सरकारी प्राथमिक विधालय का हाल बुरा है । स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सको की उपलब्धता नही होने की वजह से गावं में प्राथमिक उपचार भी सम्भव नही है ।यदि प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य ग्राम पंचायत के अधीन हो जाये और इसके निगरानी की जिम्मेवारी ग्राम पंचायत के मुखिया के पास हो जाये तो हालत मे सुधार सम्भव है और तभी पंचायत में एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था का निर्माण हो सकेगा ।

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