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कब तक चेतेंगे हम ?
पठानकोट में तीन दिन तक आतंकियों से मुठभेड़ चली जिसमे देश के सात जवान शहीद हो गये ।सभी आतंकवादी पाकिस्तान से व्यास नदी के सहायक नदियों के रास्ते भारत में घुसे थे और घटना को अंजाम दिया ।पाकिस्तान की इस हरकत से भारत को पाकिस्तान से अच्छे सम्बन्ध बनाने की बजाय मुह तोड़ जवाब देने की जरूरत है ।आखिर कब तक हमारे देश के वीर जवान अपनी शहादत देते रहेंगे ?भले ही पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इस घटना से अपने को दूर रख रहे हो या भारत को जाँच में पूर्ण सहयोग की बात कर रहे हो ।इसके पहले भी पाक सेनिको द्वारा भारत पाक सीमा पर लगातार सीज फायर का उल्लंघन किया जाता रहा है । पाक सेनिको द्वारा कभी हमारे सेनिको का सर काट लिया जाता है कभी चरमपंथियो को सहयोग किया जा रहा है । पाकिस्तान के आतंकवादियो द्वारा भारत पर हमला करने की यह कोई नई घटना नही है ।पठानकोट की घटना के पूर्व में भी इस प्रकार की कई घटना को आतंकी अंजाम दे चुके हैं और देश को नुकसान पहुचाने के साथ साथ शांति भंग करने में सफल रहे हैं । ।13 दिसम्बर 2001 को आतंकियों द्वारा लोकतंत्र के पवित्र स्थान संसद पर हमला किया गया था जिसमे देश के 8 जवान शहीद हो गये थे । इसके बाद 24 सितम्बर 2002 को अक्षरधाम मन्दिर पर आतंकियों द्वारा हमला किया गया जिसमे लगभग 33 लोगो की जान गयी ।26 नवम्बर 2008 को सपनों का शहर कहे जाने वाले मुम्बई में आतंकियों ने खूब उत्पात मचाया ।शहर के लियोपोल्ड केफे ,छत्रपति शिवाजी टर्मिनल ,ताज होटल ,ओबेराय होटल ,नरीमन हॉउस ,कामा होस्पिटल पर अन्धाधुन्द गोली बरसाई जिसमे करीब 166 लोगो की मोत हो गयी तथा सेकंडो लोग घायल हो गये थे । 27 जुलाई 2015 को पंजाब के गुरुदासपुर में तथा दीनानगर पुलिस स्टेशन कोआतंकियों ने निशाना बनाया जिसमे 7 से अधिक लोगो की जान चली गयी । गुरुदासपुर हमले में जिस प्रकार आतंकी सेना की वर्दी में थे उसी प्रकार पठानकोट में भी सभी आतंकी सेना की वर्दी में थे । इनसभी आतंकी वारदात में शामिल आतंकी पाकिस्तान के ही थे । इन्सभी घटनाओ के घटने के बाद हम चोकस हो जाते हैं ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृति ना हो लेकिन हर बार आतंकी हमारी आँखों में धुल झोकने में कामयाब हो जाते हैं । पाकिस्तान में पनप रहे आतंकी संगठनो को पुरे विश्व को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है ।इसतरह के आतंकी संगठन से पुरे विश्व के मानवजीवन को खतरा है ।अगर पाक सरकार खुद अपने घर में पनप रहे आतंकी संगठन पर कारवाही नही करती है तो उसकी मंशा साफ है कि पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के लिए कितना गम्भीर है । पाक से तब तक अच्छे रिश्ते की उम्मीद नही की जा सकती जब तक पाक पठानकोट घटना जेसी नपाक हरकत करने से बाज नही आये । मै भी पड़ोसी देश से अच्छे रिश्ते के पक्ष में हूँ लेकिन इस तरह पीठ में छुरा घोपने वाला दोस्त से बढ़िया सामने से वार करने वाला दुश्मन है । देश को अपनी सुरक्षा एजेंसी मजबूत करने और चोकसी बरतने के साथ साथ पाकिस्तान को आतंकवादियो को पनाह नही देने की चेतावनी देने की जरूरत है और आंतकवादियो को सहयोग देने वाले के साथ कड़ा रुख अपनाने की आवश्यकता है ।
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